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श्री महाराजाधिरांज सलामती
अरजदासती करांर मीती जेठ बदी 14 सनीसरवार परभाती की लीषी हजुरी भेजी है ती सौ सारी हकीकती अरज पहुचैली जी |
श्री महाराजाजी सलामती - मीती जेठ बदी 13 सुकरवार नवाब रुसतम दील षा बहादर पातसाहजी सौ अरजी करी जो बीजै स्यंघ की जागीर दीवान षालसै करै है सो वा बे-तकसीर है अर परेसानी वा बहोरा की दब सौ उठी गया है | अर वै ऐसे षानाजद नही तौ उन कों ओर जाइगा बेहोर (?) होइ तब पातसाहजी फुरमाया जो जागीर उन कि बहाल अर तकसीर माफ तब फेरी रुसतम दील षा अरज करी सीरोपाव वा कोल पंजा पातसाहजी का ले आयां अर अपणी तरफ सौ कोल पंजा वा बम (?) गुसाइ गंगाधर हाथि भेजे जो बीजै स्यंघ को पहुचाइ अर ल्यावो सो मीती जेठ बदी 14 सनीसरवार गुसाइ गंगाधर वां सु (--) असवार लेणे को चले है जी |
श्री महाराजाजी सलामती - नवाब महाबत षाजी का दीवांन होबा की षबरी बहोत गरम है अर पातसाहजी बहोत म्हेरवानी फुरमावै है | अर हीदाइतुला षाजी माफीक हुकम पातसाहजी कै महाबत षाजी कै डेरै गये थे अर अवारीजा जागीर कुली पातसाहजादो की कां महाबत षाजी कै डेरै तयार होइ है |
श्री महारांजाजी सलामती - नवाब महांबत षाजी भंडारी षीवसी नै वा बंदा नै कहाइ भेजी जो नंदी पार उतरो तदी हमो अरज कराइ भेजी जो हम तयार है जब पुल परी राह पावै तब ही उतरी पार डेरा करै जी | अर गरु की षबरी लसकर मै या है जो कलानोर मै बैठा है अर हीदु तुरक आवै है ती सौ चाकर राषै है | अर पातसाहजी को भी कुच कलानोर ही नै छै जी |
श्री महारांजाजी सलामती - अणंद रांम बाकाउत लवाणीवाला कै कुंमवार लवाणी का मुतसद्या करी भेज्यौ सो अणंद रांम षांनाजाद पासी भेज्या थां सो बंदै उन की तसलै करी नकल हजुरी भेजी है सो नजरी गुजरैली जी | सो जवाब इनाइत होय सो उन (--) को बंदा ब्यौरा कहै जी |
श्री महारांजाजी सलामति - भगवंत स्यंघ षंगरउत का गुमासता बंदा की लार है अर अब तक इन की जागीर का काम न हुवां | अर पाछा थे अजमेर का इन सौ बहोत (---) करै है | अर तीन बरस की पेसकस कां रुपया 1600 लीये अर पीछला हासील कों लागे है | सो तल- (---) लागे है रुपया 1700 अर हासील भी मागते है | सो इन कै परेसानी षराबि कुली है | सो बीना गोरी मरमती सरकार की बीना इन का पाव टीकैगे नही | अर सरकार की तरफ सौ बीदरा बन (?) बेटा उन का चाकर है | सो इक-माहा रबी मै मौर हाजरी घोड़ा की जो मोड़ा दीषायां तीस की कट्या रुपया 588 सो मुतसदी नकद चाहै है सो षरीफ तो मुलक मै हुइ सो मालुम है जी | सो ये चाकर बंदा र्याइत के है अर श्री जी की लार हमेसा रहते है | सो षात्री मुबारक मै आवै तो गैर हाजरी माफ होइ | अर नहीतर इन की बरात है | सो उन मै दाषील होइ मुतसदी हजुरी करनै हुकम होइ जी | अर देव स्यंघ च्यारी बरस ताइ उमेदवारी मै (नै ?) चाकरी करी अर वांणै को भी सरकार सै न पायां | अर अब बटा (?) मुकरर हुवा छा अर झाप चाटसु को जागीर मै इनाइत हुवा था | सो भी मोकुफ हुवां |
श्री महारांजाजी सलामती - ये तो बंदा येक महारांजाजी नै जाणै है | अर परेसान ज्यादा है | सो मदती सरकार की होसी तब नीह्वैसी जी |
श्री महारांजाजी सलामती - कवर मोहोकम स्यंघ राठोड़ को आगै तो की ताब राजगी का हुवा थां | सो तो बंदै आगै अरज पहुचाइ थी जी | अर अबै महैमद अमी षा की षबरी गरु की तरफ तथां लाहोर की है | सो सीरोपाव काढ्या है | अर तुमवार फोज का तयार होइ है | अर रांजा मोहोकम स्यंघ को इजाफा पच सदी पाच सै असवार का इजाफां वा सीरोपाव वा हाथी वा घोड़ा वा नकारां पातसाहजी मरै है मती कीयां | सो ये महैमद अमी षा की साथी बीदा हुये है जी |
श्री महारांजाजी सलामती - मीती जेठ सुदी 2 मंगलवार पातसाहजी सतनंज पार होइ जाइ डेरौ दाषील हुये जी | अर साहीजादा अजीम सान पीछै ही पीछै उतरैगे अर जसोल नवाब महाबत षाजी को भंडारी षीवसी कै डेरै आय बैठा है जो तुम पार उतरो तब भंडारी जसोल कों कही जो पुल परी भीड़ बहोत है भीड़ मीट्या (?) उतरैगे सो जसोल ताकीद बहोत करै है | सो सीताब नंदी पार जाहीगे जी |
श्री महारांजाजी सलामती - असवार वा पयादा जो गरु का मामला परी ऐठै बंदै राष्या थां सो असवारा नै तो सीष दीइ अर बरकंदाज ये करस्या है अर नफर 9 हजुरी उठी गये सो बरकंदाज नफर 10 ऐठै मकररी चाकर राष्या थां | सो बंदा पासी चाकरी करै है | अर दरबार वागैरहै जीहा बंदा जाइ है जीहा साथी जाइ है जी | अर तुरकाणा मै बीना बरकंदाजा बणै नही | अर महीन-दारा (?) को तलास घणो ही कीयो | सो जुड़्या नही तब रोजी नै दरी नफर आना (---) करी चाकर राषे है जी |
श्री महारांजाजी सलामती - तुमवार आफती परगना मोजाबादी का आगै इनाइत हुवा थां | सो बंदै केसरी स्यंघजी का गुमासता नै दीषायां | सो उनोनै झगड़ा बहोत कीयां अर कही जो साल तमाम का हासील हम अजमेरी के दीवांन पासी लीषाइ मगावैगे | अर दीवांन आफती लीषी देहगा सो हम मुजरै देहगे | सो नीसाण साहीजांदा रफी सानजी का वा हसबल हुकम पातसाहजी का दीवांन अजमेरी के के नाइ तयार कराया है | अर साहुकारां नै कहै है जो तुम हमारे जामीन हों सो पैसो की नीसा करो अर कै कचहैड़ी दीवानी मै तुमवार ले चलो अर दीवान न्याव करै सो हम कों कबुल है सो कचैहैड़ी मै डालणै लाइक तुमवार आया नही | अर परवांना आगै बंदा कै नाइ इनाइत हुवा थां तीस मै हुकम आया थां जो जै कुछ घाटी बाधी करै तो तुम उन का मामला फैसल करीयो | सो बंदा उन का गुमासता सौ रदबदल करै है | सो जो ठाहरैली सो पाछा थे अरजदासती करुगा जी | पणी बंदा परगना इतीकाम सौ वाकीफ नही जै येक आदमी वाकीफ हाल जो उन कों काइल करै सो हजुरी सौ आवै तो सलाह दोलती है जी | अर जगजीवन दास पचोली भी तुमवार कचैहैड़ी मै ले जातां आगै पाछै होइ कहै है जो इस तुमवार सौ कचैहड़ी दीवांनी मै काम पेस जाणा नही अर तुमवार मै रु॰ 14584 हाल हासील लीषे आये अर साइर राहदारी दाषील नही सो यह तुमवार ऐठै पेस अर चोकीषाना जाल्यौ मै षड़ा है जी | अर नवाब डेरै जाइ है जी | अर कोकलतास षा को का (?) भी तीन दीन ताइं जाल्यौ मै रह्या चोथै दीन उकालति षा उकील पातसाहजादा जीहांदार साह कै पातसाहजी सै अरज करी आपणै डेरै ले गयां अर उन सौ रदबदल करी | फेरी पातसाहजी सौ अरज करी पार कै ताइ रुषसद कीया जी जो जीहादार साह पै जावो |
श्री महारांजाजी सलामती - हमीदुदी षा पातसाहजी चोथा चकसी (----) कीया जी |
मीती जेठ सुदी 3 संवत 1768 मु॰ (---) |||||