www.mathias-metzger.de
Ansi UTF-8 Devanagari


Vakil Report 29

श्री महारांजाधिरांज सलामती

अरजदासती करांर मीती माह सुदि 11 सुकरवार की लीषी हजुरी भेजी छै ती सौ सारी हकिकती अरज पहुची होयली जी |

श्री महारांजाजी सलामति - मीती माह सुदी 10 बीसपतीवार नै साहुजी सौ महे असो लागो जो डेरां सब काटी गयां अर आदमी वा घोड़ा उट बैल वागौ॰ जो आगीला म्हे सौ बच्या छां सो इह महेसो बहोत मुवा जी सौ क्यौ अरज पहुचावा मै आंवै नही जी चोदा पहैर ताइ म्हे बरस्यौ सनीसरवार कै ताइ उघाड़ हुवो सुरज दीषाइ दीइ पणी म्हे लागो हि रह्यौ जी |

श्री महारांजाजी सलामती - इद की मुबारकबाद कै वासतै षवास षां उरफ मीयां मारुफ नवांब षांनषांना कै डेरै आया थां अर बंदा वा भंडारीजी दीवानषानै बैठा थां सो षवासषा अंदर सौ नीकस्यां तब बंदा सौ मील्यां बहोत म्हेरवानी का गीलां कीयां अर भंडारिजी कै सुणता या कही जो तुम्हांरै रांजा कों आपणै बाप दादा की रीत छोड़णी मुनासब नही थां अर जो कीया अर करो हो सो बुरां करौ हौ तब बंदै कही जो मै साहीब कै डेरै आउगां तब कही जो तुम्हारां मिलणा मुसकिल है |

श्री महारांजाजी सलामती - मीती माह सुदी 14 सोमवार हरकारां पातसाहजी सौ अरज पहुचाइ जो नाहणी का रांजा की मा गरु कों लिया आवै है अर लसकर सौ कोस बारां परी डेरां कीया है अर वा अरज करै है जो महांबत षां बकसी कों हुकम होय जो अगाउ आय गरु कों ले जाय तब चेलो कों हुकम हुवां जो महाबत षा सौ ताकीद करी चलावों अर गरु कों लोह का पीजरां तयार षांरदार कीया है तीस मै बैठाय अर ले आवो अर उस कै साथी दोय लुगाइ पकड़ी आइ है तीन कों रथ मै बैठाय ले आवों तब तीसरै पहैरी महाबत षाजी दरबारी गया अर षांनषांना भी दरबारी आये तब पातसाहजी फुरमाया जो तुम फोज ले जाय गरु कों ले आंवो तब षांनषांना अरज करि जो मेरै हरकारे आये है सो गरु पकड़्या है सो नजदीक ल्याये नही है नजदीक आवैगा तब म्हांबत षा जाय ले आवैगां तब पातसाहजी फुरमाइ जो तुम ओर हरकारे भेजो अर ताकीद करो जो सीताब ले आवै |

श्री महारांजाजी सलामती - मीती फागण बदी 1 पेसषानो पातसाही साढोरां का उरा सौ चाल्यौ सो साढोरा परै कोस येक जाय षड़ो हुवो जी |

श्री महारांजाजी सलामती - महारांजा अजीत स्यंघजी की बीरादरी की सनदी दरबार षरच का नोस्यदा वागौ॰ नै दे अर गुलाल चंद उकील तयार कराइ थी सो बंदैं आगै अरजदासत्यी (sic!) मै अरज लीषी छौ सो अरज पहुची ही होयली जी भंडारीजी आय नवाब उमीरल उमराव कै दरबार षरच वा नोस्यंदो का षरच दे अर सनदी बीरादरी की मसली लगाइ है सो दीन पाच सात मै सनदी तयार होयलि |

श्री महारांजाजी सलामती - सरकार की बीरांदरी की सनदी रुपया 75000 को तमसुष नवाब महाबत षाजी लीषाय लीयां पाछै दसकत करी दीयां सो दफत्र का षरच बीनां सनदी चलै नहै अर नवाब या कहै है जो मेरै भी रुपया 25000 द्यौह तब तसदीको परी मुहोर करों अर भगवंत रांय कहै है जो मेरी पाछीली बाकी वा-हांल का रुपया द्यौह तो हु सनदी चलाउ सो यहा कोइ बहोरो (sic!) जुड़ै नही तीस पौसौ (sic!) उधारा ले अर काम चलाउ सो हजुरी सौ षरची इनायत होय जी तो भंडारी वा गुलाल चंद की सलाह सौ जो-वा दीयो होय सो तीनों बकस्यौ के दे अर सनदी तयार कराजे जी नत्र उन की सनदी तयार होयली अर सरकार की सनदी बंद रहैली जी अर नवाब महाबत षाजी रुपय 25000 की सनदी अवादा की बंदा पासी लीषाय लीइ छै सु हुडी सीताब इनायत होय जी |

श्री महारांजाजी सलामती - परगना मोजावादी कै वासतै बंदै आगै तपसीलवार अरज लीषी छौ सो अरज पहुची होयलि जी | सो तीस का जवांब बंदां नै इनायत न हुवां अबै साहीजादा रफील कदर का आमील बीदा होय है जी | सो जै परगना मजकुर सरकार मै इजारै राषणा होय तो मुतसदी हजुरी कानै हुकम होय जो प्रौहीत स्यांम रांम की चीठी गुमासतां संतोष रांम नै आवै-ज्यौ वाकी नीसा करै जी |

श्री महारांजाजी सलामती - महैमद सायब षा स-(----)-नसबदार पातसाही की जागीर प्रगना मोजावादि मै छै ती कै वासतै बंदै आगै अरज लीषी छौ सो अबै जै उस का जवाब इनायत न होयलो ती नवाब षांनषांना बंदा सौ फुरमाया है जो मै तुम को बैठाय रुपया की नीसा कराउगां सो जगजीवन दास पचोली का लीष्या सौ सांरी तपसीलवार अरज पहुची होयली जी |

श्री महारांजाजी सलांमती - इद की नीजरी नवाब षांनषांना वा महाबत षाजी की करी माफीक तपसील जैल

नवाब षांन षाना की .1))9)     (sic! i.e. 1 मोहर 9 रुपया)

नवाब महाबत षाजी की 1))9)

दरबार की हकिकती सारी पचोली जगजीवन दास का लीष्यां सौ अरज पहुचैली जी | फरद वकाया की हजुरी भेजी छै ती सौ सारी हकीकती अरज पहुचैली जी |

ओर श्री महाराजाजी सलामती - नाहणी का रांजा की मा कै वासतै राहौणो रुपया लाष को पातसाहजी अलाहीदो करांयो छै सो ठीक पड़्या सारी अरज लीषौलो जी |

मीती फागण बदी 4 सं॰ 1767 |||||

अर पातसाहजी जीठै पेसषान आय षड़ो हुवो छौ तीठौ मी॰ फागण बदी 2 नै दाषील हुवा जी |||||