www.mathias-metzger.de
Ansi UTF-8 Devanagari


Vakil Report 174


|| श्री महाराजाधिराज महाराजाजी

श्री मीरजा राजा जै सिघजी

||:|| सिंधिं श्री महाराजाधिराज महाराजाजी श्री चरण कमलानु षानांजाद षाक पाय पंचोली जगजीवन दास लिषतं | तसलीम बंदगी अवधारजो जी | अठा का समाचार श्री महाराजाजी का तेज प्रताप कर भला छै | श्री महाराजाजी का सीष समाचार सासता प्रसाद करावजो जी | श्री महाराजाजी माइत हैं धणी हैं | श्री परमेसुरजी की जायगा हैं | म्हे श्री महाराजाजी का षानांजाद बंदा हां | श्री पातसाहजी श्री महाराजाजी सुं मेहरबान हैं | श्री महाराजाजी सुष पावजो जी | पान गंगाजल आरोगबा का घणा जतन फुरमावजो जी |

| श्री महाराजाजी सलामत - हिंडोण आजम षां सुं तगीर कराय षालसै षराइ अर गेसु षां सुं फोजदारी तगीर कराइ ती की पै दर पै अरजदासतां की हैं सु नजर मुबारक गुजरी होसी जी | अर राजा सभां चंद कनां सुं शाह बेग व मीरजा कादरी नै लिषाय भेजी है सु वां श्री महाराजाजी सुं अरज पहोचाइ होसी जी | द्योसा सुं ठाकुर स्याम सिघजी व साह श्री चंदजी को आदमी आयो थो ती की साथ वा नै ये समाचार लिष भेजा हैं जी |

| श्री महाराजाजी सलामत - आजम षां पातसाहजी सुं अरजी की जु गेसु षां नै हिडोण मै षुब अमल कीया दोय हजार रजपूतो का कबीला बंद कीया अर हजरत नै उस कुं तगीर कीया हींडोण षालसै करी इस बात मै मेरी षीफत होती है तीस सुं हिंडोण दसतुर साबक बहाल होय नही तो षानांजाद मनसब का इसतीफा कीया सु हजरत कुछ जुवाब न दीयो अर अरजी इमतयाज महल नै सोंपी इमतयाज महल नवाब अमीरल उमरावजी नै दे भेजी षानांजाद या बात सुणी जद नवाब अमीरल उमरावजी पास गयो अर हजुर सूं हिंडोण का मुकदमां मै परवानो सादर हुवो थो सु सलाह दोलत जाण राजा सभा चंद की मारफत नवाब अमीरल उमरावजी नै दीयो नवाब परवानो पढ्यो अर आप कनै राष्यो कह्यो जु मै यह परवानां व आजम षां की अरजी हजरत कुं दीषावुंगा |

श्री महाराजाजी सलामत - इमतीयाज महल बेगम दर-मीयान है अर नवाब अमीरल उमरावजी भी दोनु सरकारां का मतालब सरंजाम करबा नै जीव सुं चाहैं हैं सु श्री महाराजाजी षातर मुबारक जमां राषैं ओर बात होण की नही जी |

| श्री महाराजाजी सलामत - जीं की मारफत षानांजाद इमतीयाज महल बेगम सुं गेसु षां का तगीर करबा की कारसाजी करी थी सु वै ही की मारफत या ठहराइ छै जु जब भंडारीजी व दीवान भीषारी दासजी अठै आवै तब इमतीयाज महल बेगम नवाब अमीरल उमरावजी नै कह भेजैं जु राजों के मुतसदीयों कुं हमारी मुलाजमत करावो जु मतालब राजों के होंय सु हम तुम पातसाहजी सुं अरज कर भली भांत सरंजाम करावै जी |

| श्री महाराजाजी सलामत - जी की मारफत षानांजाद गेसु षां का तगीर कराबा वासतै इमतयाज महल सुं कारसाजी की थी सु वो षानांजाद सुं मोहमसाजी का रूपया दस हजार मुकरर कीया था त्यां कै वासतै ताकीद करै है उमेदवार हुं जु वैं का रूपया सीताब इनायत होय जी |

| श्री महाराजाजी सलामत - इमतीयाज महल बेगम रथ व चीता व हरनां कै वासतै फुरमायस की थी ती की हकीकत आगैं अरजदासत की है सु नजर मुबारक गुजरी होसी जी | उमेदवार हुं जु वां की फरमायस माफक दोय रथ घोड़ां का व दोय रथ गुजराती बैलां का व नागोरी बैलां का अवल पातसाहां की नजर गुजरानबा लायक व चीता आछ्या सा व हरन झेलीया (?) व लड़ाया का ताब भेजजे जी |

| श्री महाराजाजी सलामत - आसोज सुदी 2 सांझ की बीर-यां षां जहां बहादर चांद की मुबारकी कै वासतै श्री पातसाहजी का मुजरा-नै जाय था सु राह मै बकसरया बंदुकां छोड़ता था इतरा मै बदुक को गोलो षान जहां बहादर की पालकी कनै षीदमतगार चल्यो जाय थो ती कै आय लागी सु वो मर गयो षान जहां बहादर या बात श्री पातसाहीजी (sic!) सुं अरज पहोचाइ जु राजे षां तोबषाने के दारोगे नै बंदुक छुड़ाइ होयगी नही बकसरये की मजाल क्या है जु वह छोड़ै सु नवाब अमीरल उमरावजी भी श्री पातसाहजी की हजुर था यां अरज की जु हजरत सलामत बकसरये की मजाल क्या जु वह इस तरह बंदुक छोड़ै बंदुक तीर बंद होयगी उन नै भोलै छोड़ी है |

| श्री महाराजाजी सलामत - आसोज सुदी 12 सुं श्री पातसाहजी साल गीर है को जसन मुकरर हुवो छै आसोज सुदी 13 नवाब आसफ दोलाजी नै सरोपाव डेरै दे भेजो सु नवाब सरोपा व अहर नाल की मै सुवार होय दरबार आया श्री पातसाहजी बहोत मेहरबानी फरमाइ दसतुर पातसाहजादां कै तषत कै दसत-रास बैठाया | श्री महाराजाजी सलामत - आगै फतै हुवां पाछै अमीरल उमरावजी नै तोगतुमन इनायत हुइ थी अब षान जहां बहादर नै तोगतुमन हाथी की इनायत हुइ | मीती आसौज सूदी 14 सं॰ 1769 |||||