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Vakil Report 163


|| श्री महाराजाधिराज महाराजाजी

श्री मीरजा राजा जै सिघजी

||:|| सिंधिं श्री महाराजाधिराजा महाराजाजी श्री चरण कमलानु षानांजाद षाक पाय पंचोली जगजीवन दास लिषतं | तसलीम बंदगी अवधारजो जी | अठा का समाचार श्री महाराजाजी का तेज प्रताप कर भला है | श्री महाराजाजी का सीष समाचार सासता परसाद करावजो जी | श्री महाराजाजी माइत है धणी है | श्री परमेसूरजी री जायगा है | म्हे श्री महाराजाजी रा षानांजाद बंदा हां | श्री पातसाहजी श्री महाराजाजी सुं महरबान है | श्री महाराजाजी सुष पावजो जी | पान गंगाजल आरोगण रा घणा जतन फुरमावजो जी |

| श्री महाराजाजी सलामत - आगै श्री महाराज कवार चीमां साहबजी का दसतुर साबक बहाली जागीर का परवाना का नकल व पुरा लाहोर का परवानां की नकल काजी की मोहर सूं व वाजबल अरज माफ इरसाद हजुर कै नवाब अमीरल उमराव जी नै लिष दीया तां की नकल व नवाब अमीरल उमरावजी को षत श्री महाराजाजी हजुर भेजा है सु नजर मुबारक गुजरा होसी जी |

| श्री महाराजाजी सलामत - ता॰ 4 जमादी अल सानि श्री पातसाहजी जसन फुरमायो पातसाह आलमगीर का बैठ-बा-की ठोड़ थी तठै इमतयाज महल बेगम तषत बैठा अर वै कै नीचै अमीरां का षड़ा होबा की जायगा थी जठै कलांवत लोग षड़ा रह्या अर हजरत सो थंभो दालान दीवान आम को है तठै (-------------) मोत्यां की झालरी-दार षड़ो कर्यो (?) ती नीचै नो करोड़ को तषत जड़ाउ साह जहां पातसाह बणायो थो ती उपर बैठा नवाब आसफ दोलाजी व नवाब अमीरल उमरावजी व सारां उमरावां नजर करी नवाब अमीरल उमरावजी सोना रुपा का फुल व मोहरां व छोटा मोती चुनीयनां नोछावर कीया पातसाहजी नवाब आसफ दोलाजी व नवाब अमीरल उमरावजी नै षासा सरोपाव डेरै भेजा अर नवाब अमीरल उमरावजी नै मोत्या की माला व सूमरणी मोत्यां की हजरत पहरां था सू दसत मुबारक सुनवा बनै|षनै पहराइ अर नवाब आसफ दोलाजी नै फुरमायो जु तुमारा बेठा षुब काबिल है जंग सुलतानी मै षुब तरदुद कीया है ओर षान जहा बहादर नै सरोपा व षासो इनायत कीयो अर मोत्या की माला इनायत फुरमाइ जी |

| श्री महाराजाजी सलामत - नवाब अमीरल उमरावजी साह बेग नै पालकी बषसी मीरजा कादरी व साह बेग नै कोल पंजा का फुरमान दे हजुर सू रुषसत कीया सु दीन दोय चार मै चालसी जी |

| श्री महाराजाजी सलामत - कही हरामजादै जेसिघपुरा मै झुठी षबर उझाइ जु पातसाहजी जैसिघपुरा का लुटबा वासतै हुकम कीयो है सु सारा पुरा का लोग भाग गया या षबर पुरा कै हवालदार षांनाजाद नै कहै भेजी तद षानांजाद राजा सभा चंद सु जाहर करी तद राजा सभा चंद कहो जु यह हुकम कद हुवा यह षबर कनही नै झुठ उझाइ है तद षानाजाद पुरा का लोगां की तसली कर पुरा मै आबादान कीया जी |

| श्री महाराजाजी सलामत - नवाब अमीरल उमरावजी नै लिष दीया तां कै वासतै षानाजाद राजा सभा चंद सु बजद है राजा कहो मै वे मतालब नवाब को दीये है सु नवाब आसफ दोला जी कै अर नवाब करि रदबदल दर-मयान है सु जैसा होयगा तैसा जुवाब देगे सु इ की हकीकत पाछा सु अरजदासत करसु जी |

| श्री महाराजाजी सलामत - मोहन दास नटवो आगै श्री महाराजा बैकुंठ बासी मीरजा राजा राजा जै सिघजी कै चाकर थो ती का बेटा पोता महमद अजीम कै चाकर था अर साह कुदरतला कै मुसाहब था सु यां कै वासतै दीवान भीषारी दासजी अरज करसी जी | अबार पातसाहजी या नै कैद कर फुरमायो जु षाहम षाह चाकर रहो सु यां कबुल न करी अर षानांजाद कनै आय कहो जु म्हे कदीम श्री महाराजाजी का षानांजाद हां सु इरादो बंदगी सरकार को है ती सु उमेदवार हु जु षातर मुबारक मै आवै तो यां नै प्रवानो इनायत फुरमावजे जुं यां नै हजुर भेजु जी |

| श्री महाराजाजी सलामत - महाराजा अजीत सिघजी को व भडारीजी को षत नवाब अमीरल उमरावजी नै व राजा सभा चंद नै व लाला ला-(----)-मल नै आया था सु गुजरान्या अर भंडारीजी का षत की नकल हजुर भेजी है सु नजर मुबारक गुजरसी जी | ओर मतालब महाराजा अजीत सिघजी का आगै दुली चंद नै जुबा मुबारक सु इरसाद हुवा था सु तो नवाब अमीरल उमरावजी नै लिष दीया ओर मतालब जु भडारीजी लिषैला सु नवाब नै गुजरानुलो जी | जितनै गुलाल चंद आवै इतनै षानाजाद महाराजा अजीत सिघजी का कामा सु षबरदार हुं जी | मी॰ असाढ सुदी 11 सबत 1768 |||||