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|| श्री महाराजाधिराज म्हाराजा
| जी श्री मीरजा राजा सवाइ जै संघजी
||:|| सिंधिं श्री महाराजधिराज महाराजाजी श्री चरन कमलानु षानाजाद षाक पाय पंचोली जगजीवन दास लीषतं | तसलीम बंदगी अवधारजो जी | अठा का स्माचार श्री महाराजाजी का तेज परताप कर भला है | श्री महाराजाजी का सीष स्माचार सासता परसाद करावजो जी | श्री महाराजाजी माइत है धणी है | श्री परमेसुरजी की जायगां हो (sic!) | म्हे श्री म्हाराजाजी का कदीम षानाजाद बंदा हां जी | श्री महाराजाजी सु श्री पातस्याहजी महरबान है | श्री महाराजाजी सुष पावजो जी | पान गंगाजल आरोगण रा घणा जतन करावजो जी |
| श्री महाराजाजी सलांमत - दरबार का स्माचार आगै पै दर पै अरजदासत कीय्या है तां सु अरज पोहोची होसी जी |
| श्री महाराजाजी सलांत (sic!) - श्री महाराजा अजीत संघजी नै बुरहांनपुर कौ सुबो व श्रीजी नै पीराग को सुबो हुवो थो सु इ बाबत का षत भय्या तुलारामजी साह अणद रामजी नै सोपा था तां सु व साह अणद रामजी की अरजदासत सै तफसीलवार स्माचार अरज पोहचा होसी जी |
श्री महाराजाजी सलांमत - मीती काती सुदि 8 गुरवार असद अली षां अठै आयो श्री पातिस्याहजी सु व नवाबजी सु मुलाजमत करी साह अणद राम व षानाजाद वा के डेरै मीलबा नै गय्या सु श्रीजी की बोहोत सुकर गुजारी करी अर कहो श्रीजी सु ठहराय आयो छौ ती की रदबदल अठै ठहरसी ती की पाछा सै अरजदासत करसु जी |
श्री महाराजाजी सलांमत - मी॰ काती सुदि 9 सुक्रवार नवाब अमीरुल उमरावजी कै श्री बडा नवाब आय्या सु अठै असद अली षां अरज करी जु श्री मीरजा राजाजी सु या ठहराइ है जु श्री महाराजा अजीत संघजी नै तो सुबैदारी ठठा की अर श्री मीरजा राजाजी नै सुबैदारी मालवा की होय तद बडै नवाब कही जु श्री महाराजा अजीत संघजी नै सुबैदारी बुरहानपुर की व श्री मीरजा राजाजी नै सुबो पीराग को होय चुका है फेर असद अली षां अरज करी दोनु राजां की रजामंदी सुबैदारी ठठा की व मलवा की मै है सु नवाब कबुल करी अर श्री बडै नवाब श्री पातिसाहजी सै अरज करी श्री पातिस्याहजी भी मनजुर फुरमाइं सु ठठा की व मालवा की सुबेदारी का हसबल हुकम साह अणंद रामजी कै हवालै कीया है सु नजर मुबारक मै गुजरा होसी जी अर फुरमान भी तय्यार होय है जी अर असद अली षां व उसंमान षां नै हुकम हुवो सजावली कर सुबा नै चलावै जी | ओर समाचार साह अणद रामजी की अरजदासत सै अरज पोहोचसी जी | मीती काती सुदि 10 सं॰ 1770 |||||