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Arzdasht 363

||:|| सिंधिं श्री महाराजाधिराज महाराजाजी श्री जी चरण कमलानु षानाजाद षाक पाय पंचोली जगजीवन दास लिषतं | तसलीमं बंदगी अवधारजो जी | अठा का समाचार श्री महाराजाजी का तेज प्रताप कर भला है | श्री महाराजाजी का सीष समाचार सासता परसाद करावजो जी | श्री महाराजाजी माइत हैं धणी हैं | श्री परमेसुरजी की जायगा हैं | म्हे श्री महाराजाजी का षानाजाद बंदा हां | श्री पातसाहजी श्री महाराजाजी सुं मेहरबान हैं | श्री महाराजाजी सुष पावजो जी | पांन गंगाजल आरोगबा का घणा जतन फुरमावजो जी |

| श्री महाराजाजी सलामत - सांभर सुं साह नैनसुषजी को षत आयो ती मै लिषो थो जु हिडोण की तरफ घेसु षां आजम षां की तरफ सुं आयो है सु मीरजा कादरी का षत नवाब अमीरल उमरावजी नै व राजा सभा चंद नै भेजी है सु गुजरानजो अर मीरजा कादरी का षत की नकल तो भेजी न थी षानाजाद मीरजा कादरी का षत वां का बेटा की मारफत राजा सभा चंद नै दीया राजा नवाब नै पढाया दुसरै दीन मी॰ आसोज बदी 12 साह श्री चंदजी को षत दोसा सुं आयो जु हिडोण मै साह बलराम सरकार की तरफ सुं सहलसी जमयत सुं थो सु घेसु षां आजम षां की तरफ सुं उठै आय सरकार को थाणो उठाय दीयो कीतनाक आदमी सरकार का काम आयो सु थे नवाब अमीरल उमरावजी को परवानो घेसु षा कै नाव कराय भेजजो जुं मुजाहम न होय सु षानाजाद साह नैनसुषजी का षत को तरजमो बणाय नवाब अमीरल उमरावजी नै गुजरान्यो अर षानांजाद नै परवानो तो इनायत हुवो न थो पण षानाजाद अठै ही परवानां को मसोदो बणय वै को तरजमो कर हामद षा की मारफत नवाब षान जहा बहादर ने गुजरान्या तां की नकल हजुर भेजी है सु नजर मुबारक गुजरसी जी | सु मी॰ आसोज बदी 13 नै श्री पातसाहजी जनाना सुधा षान जहां बहादर कै डेरै पधारा षबर है दिन तीन च्यार षान जहां बहादर कै डेरै रहैला षानाजाद वै का जुवाब कै वासतै हामद षां सुं ताकीद की थी तद हामद षां षान जहा बहादर नै कह्यो तब षान जहां बहादर कह्यो जुइ जब हजरत यहां सुं दोलत षा नै पधारैगे तब इस का जुवाब देगे साह नैनसुषजी का षत को तरजमो राजा सभा चंद नै दीयो तद राजा सभा चंद कही जु मीरजा कादरी नै लिष्या है जु बिजै सिघ की जागीर मै हंडोण अभाल कराय दो सु तुम इलतमास लिष दो जुं नवाब के बहाली के दसषत कराय दुं | श्री महाराजाजी सलामत - जब राजा सभा चंद बिजै सघ को नाव लीयो तद षानाजाद चोक्यो जु हजुर सु इ बात कै वासतै हुकम आयो नही अर साह नैन सुषजी भी लिष्या नही बीना हुकम हजुर कै कुंकर इलतमास लिष दुं उमेदवार हु जु इ मुकदमां का जुवाब को परवानो सीताब इनायत होय जी | ती माफक अमल मै लावु जी अमीरल उमराव सुं षान जहां बहादर सु घेसुं षां का उठाबा की रदबदल होयली सु पाछां सु अरजदासत करुलो जी |

| श्री महाराजाजी सलामत - महाराजा अजीत सिघजी को षत षान जहां बहादर नै आयो साह नैन सुषजी लीषो थौ जु वै की नकल ले श्रीजी की तरफ सु भी षत गुजरानजो सु षत की नकल अलाहदी तो आइ न थी अर उपर लषोटो थो अर मा नैं भी लीफाफो मोहर सु थो सु नरायण दास गुलाल चंद की तरफ सुं अठै है ती षत षोलबा दीयो नही ती सुं श्री महाराजाजी की तरफ सुं षत गुजरान्यो नही |

| श्री महाराजाजी सलामत - आगै ब-वा-ह-(---) पातसाह बहादर साह का नांव की मोहर श्री महाराजाजी की सु थैलीयां इनायत हुइ थी अर पातसाह जहांदार साहजी का नाव की मोहर की थैलीया अब तक इनायत हुइ न है उमेदवार हु जु पातसाह जिहांदार साह बहादरजी का नांव की मोहर षुदाइ है सु पातसाह जहादर साह बहादरजी का नाव की मोहर की थैलीयां इनायत होय जु जी नै षत गुजरानणो होय ती नै गुजरानु जी |

| श्री महाराजाजी सलामत - षानाजाद आगै अरजदासत करी थी जु कंदी बेग मुथरा की फोजदार षोहरी की तरफ आवै है अर ऐतकाद षां नारनोल को फोजदार उठी नै आवौ है अर सरबलंद षां गुजरात की तरफ गयो है सु जठी नै श्री महाराजाजी को थाणो रहै तठी नै षबरदार रहै सु हजुर सु हुकम आयो जु अठी की तरफ सुं षातर जमां राषजो जठै सरकार को थाणो है तठै कायम है अर अबै साह श्री चंदजी को षत आयो ती मै लिष्यो थो जु घेसु षां आजम षा की तरफ सु हिडोण सुं सरकार को थाणो उठाय दीयो | सु श्री महाराजाजी सलामत - जठै सरकार को थाणो रहै तठै जमयत सायसता सुं रहै जी | थाणो उठाबा मै बात हलकी पड़ जायली ती सुं घणी ताकीद फरमावजे जी |

| श्री महाराजाजी सलामत - षानाजाद आगै अरजदासत की थी जु जे परगनां सरकार का तसरफ मै है सु सारा इजारै ले चुकजे जुं हजरत सु सुलह की रदबदल रहै तो भी वै परगनां सरकार का तसरफ मै रहै अर सुलह हुवां पाछै भी सरकार का तसरफ मै रहैला अर जागीरदारां की च्यारू तरफ सुं फीरयाद मीट जायली ती पर हुकम आयो जु षान जहां बहादर की जागीर व सुजाअत षां की जागीर व इषलास षा की व मुलतफत षां की जागीर का परगनां सरकार मै इजारै लीजो सु माफक हुकम कै यां सारां का मुतसदयां सुं रदबदल कर यां की जागीर का परगनां नीम-माहो षरच (-)xा का मुतसदयां नै देणो कर इजारो लेणो ठहरायो ती (--)xाइ दोय महीनां हुवा जु हजुर सुं साहुकार की जामनी व षरच इनायत हुइ नही उमेदवार हु जु साहुकार की जामनी इनायत होय तो यां परगनां का पटा लिषायलां अर जामनी वां नै सोंपां तो तीन बरस तक सरकार का तसरफ मै रहै अर या षातर मुबारक मै आवै जु इजारै न लीजे अर जो रावरी तसरफ मै राषजे तो फोजदार तो जागीरां मै अमल कीया चाहैला तो च्यार तरफ सु फीसाद रहैलो ती सुं जो जामनी इनायत होय तो षान जहां बहादर व आजम षां बहादर व षान दोरां व सुजाअत षान् व इषलास षां व मुलतफत षा की जागीर तो इजारै ले चुकां ओर परगना रहैला सु फेर इजारै लीजेला बडो झगड़ो व फीरयाद पातसाहजी कनै यां ही पांच सात उमरावां का परगनां की है जो यां का परगनां इजारै ले चुकजेजो तो पाछै जु ज मन्सबदारां को भी इजारो उ रोहलां ला ऐ सारा उमराव गोबंद राय वगैरह सराफ पाणीपथ यां की नीसा मांगै है सु इसा साहुकार कै नाव हुकम आवै जु पाणीपथ्या की नीसां कर दे जुं पाणीपथ यां सु यां उमरावां की नीसां कराय द्यां अर पटा लिषायलां जी |

| श्री महाराजाजी सलामत - महाराजा अजीत सिघजी सारो मुलक तसरफ कर बैठा है पण इषलास षां की जागीर का महाल हवेली अजमेर का जद ही यां को षत गयो तद छोड़ दीया अर यां का अमील नै अमल दीयो अर सारा पातसाही मुतसदया की मुदारात करै है अर अकबराबाद सु ले साहजहानांबाद की तलहटी तक सारो श्री महाराजाजी को मुलक है जठै ही यां उमरावां की जागीर है सु ऐ आ-(-)-xा की जागीरां कुंकर छोड़ैला ती सुं यां सारां की जागीरां इजारै ले चुकजे तो कुछ फीसाद न होय जी | सहज मै सब फीसाद मीट जाय जी अर सुजाअत षां हमेसा ताकीद करै है जु या तो हमारे महाल इजारै लो नही हम पातसाहजी सुं रूषसत मांग जाय अमल कर ले ती सुं साहुकार की नीसां आवै तु सुजाअत षां वगैरह की जागीर तो पहली इजारै ले चुका जी |

श्री महाराजाजी सलामत - फरुष सेर का नाव का सीका का रुपया आया था सु श्री पातसाहजी की नजर गुजरा हुकम हुवो जु कटाय डालो |

| श्री महाराजाजी सलामत - दाउद षां को दीवान दषण सु आयो ती की साथ ब्योपारी हाथी लाया है सु जो षातर मुबारक मै आवै जु कोइ हाथी सरकार मै लीजे तो कोइ मुतसदी हजुर सुं आवै जु हाथी षुस कर सरकार मै ले जी |

मी॰ आसोज बद 14 सबत 1769 |||||