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(Fragment in code language)
-प को थाणो कायम कीयो जी | अर अमरसर व षंडेलै वा कासली (?) कहाय भेजो जु ऐ परगनां नागोर की पटी का है थे कछवाहा अठै
रहो सु कुण थे अंठा सुं नीकसो अंठै म्हा को अमल होसी सु श्रीजी सलामत - सूणजे है जु जी भांत राठौड़ां पर अमल कीयो वै ही
भांत कछवाहां पर अमल कीयो चाहै है जो या बात सांच होय तो षबरदारी रषावजे जी कीसनगढ मै आण बैठा वै भांत
दगो कर आंबैर मै न आय बैठै श्रीजी कै अर महाराजा अजीत सिघजी कै तो बहोत इषलास है या बात झुठ होसी पण षा-
-नांजाद नै तो षबर करणी जरुर है जी | जो ऐसो ही होय तो दरबार मै सो-हरत होतां पहली हुकम आवै जु वैसे ही तर-
दुद कीजे जी अरजदासत मुताला षास मै आयां पछै (----)-जे जी | अर इ को जुवाब सीताब इनायत होय तो षानांजाद
की षातर जमां होय जी |
मी॰ भादवा सुदी 3 संबत 1769 |||||