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5 श्री महाराजा श्री बीसन संघजी
||:|| सवस्ति श्री महाराजाधिराज महाराज श्री चरण कमलांनु षांनांजाद षाक पाय पां॰ राय जगजीवन दास लिषतं | तसलीम बंदगी अव्धारजौ जी | अठा का स्माचार श्री महाराजाधिराज रा तेज प्रताप सुं भला छै जी | श्री महाराजाधिराज रा सुष स्माचार सासता प्रसाद करावजौ जी | श्री महाराजा माइत है धणी है | श्री परमेसुरजी री जायगा है | म्हे श्रीजी रा षांनांजाद बंदा हां जी | श्री पातिसाहजी श्री महाराजाजी सुं महरवांन है | श्री महाराजाजी सुष पावजौ जी | पांन गंगाजल आरोगण रा जतन फुरमावजौ जी |
महाराज सलांमत - षांनांजाद नवाजी रा परवांनां सासता इनायत फुरमावता रहजौ जी |
| महाराज सलांमत - श्री महाराजाजी कीला पींधोर व कासोट फते कीयां की अरजदासत भेजी थी सु पातिसाहजी की नजर मुबारक गुजरी पातिसाहजी बोहत षुस वकत हुवा महाराजाजी री बोहत तारीफ की वै स्मया मै बहरमंद षांजी मतालब अरज कीया ती पर श्रीजी रा पांच सै असवार बाबत कमी बहाल कीया अर हाथी व सरपाव इनायत कीया सु श्रीजी नै मुबारक हौय जी | अबै सुवारां की तसदीक लां हां अर हाथी व सरपाव को स्याहौ ले वां कै दफतरां पोहचाय हाथी सरोपाव लां हां सु श्रीजी नै मुबारक हौय जी |
तोडा भीव का वगैरह महालां मै पचास लाष दांम तषफीफ लीया सु मुबारक होय वां मै तीस लाष दांम तो मालपुर मै लीया बीस लाष दांम को अवारजो मालपुर चाटसुं मअजाबाद भैराणां को हजुर पातिसाहजी कै जासी सु जी परगनां मै देसी ते की षुस षबर अरजदासत करसां जी |
ओर स्माचार मेघराज की अरजदासतां सुं मालुम होसी जी | सां॰ 1749 रा आसोज बदि 9 मु॰ गीलगीलै |||||