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Vakil Report 16

||:|| श्री गोपालजी सत छै जी

|| श्री महाराजाधिराज महाराजाजी श्री जै सिघजी

||:|| सिंधि श्री महाराजाधिराज महाराजाजी श्री

चरनकमलानु षानाजाद षाक पाय पंचोली जगजीवन दास लिषतं तसलीम बंदगी अवधारजो जी | अठा का स्माचार श्री महाराजाजी का तेज परताप कर भला छै | श्री महाराजाजी का सीष स्माचार सासता परसाद करावजो जी | श्री महाराजाजी माइत है धणी है | श्री परमेसुर जी री जायगां है | म्हे श्री महाराजाजी रा षानाजाद बंदा हां जी | श्री पातिसाहजी श्री महाराजाजी सै महरवांन है | श्री महाराजाजी सुष पावजो जी | पान गंगाजल आरोगण रा घणा जतन फरमावजो जी |

| श्री महाराजाजी सलां मत - आगै सारी हकीकत तफसीलवार अरजदासत करी है सु नजर मुबारक मै गुजरी होसी जी |

| श्री महाराजाजी सलां मत - हीदायतुला षां मीती चैत्र बदि 11 आदीतवार दीवानी कचैहड़ी मै आण बेठो कीफायत षांजी कै दसतुर मोहर दसषत कीय्या | अर दवाब कै वासतै अरजी करी थी जु दोय लाष रुपीय्या को दर-माहो लागै है |

सु आज ताइं तो सरबराह हुइ अबै षालसो न्ही षजानो न्ही सु षुलदमकां कै अमल उमरा व मनसबदार सरबराह करै था जीही भात सरबरा करै | सु वै अरजी उपर साद मुबारक हुवो जु उमरांवा सु सरबराह करावो |

सु वा अरजी मी॰ चैत्र वदि 12 हीदायतूला षांजी कनै आइ सु य्यां आगै तो दवाब का मुतसदा सै ताकीद करी ही थी | अर अरजी आय्यां बसेष ताकीद करी अर आप की मोहर सै परवानगी दी सु उमरावां कनै सरबराह करावो सु दवाब का मुतसदां नकीब मोकल सारा वकीला नै षबर करी जू गुर रा सफर नै सरबराही की चीठां होसी |

श्री महाराजाजी सलां मत - षानाजाद की हकीकत तो रोसन है जु अढाइ तीन बरस तो हैदराबाद की तरफ बंदगी करी अर दस महीना अबै बं दगी करतां हुवा सु षानाजाद का ही अय्या मांफी है जु न पावै है सु भांत भांत का तसदीय्य गुजरै है तां को बय्यान कठा ताइं अरज लिषु इ भात को अदना चाकर भी री सरकार को न रहो होसी ऐक ऐक दीन म्हाराजाजी का तेज परताप कर ही गुजरै है अर अबै दवाब हुइं है | सु दवाब का मुतसदी जो कोइ जी भात भला बुरां सरबराह करसी जीही भांत सरबराह करासी | ती सुंश्री महाराजाजी सलांमत - आगली अरजदासत नजर गुजरत सबां दवाब का दरमाहा की सरबराही कही बोहरा उपर लिषाय मोकली होसी जी | अबै अरजदासत पोहचन सवां फेर बोहरा को लिषो आवै जी जु दवाब मै लागै सु माह दर माह दीय्यां जाय जो दवाब का दरमाहा आबा की ढील हुइ तो षानाजाद उपर घणो तसदीयो होसी ती सु सीताब इनायत फरमावजो जी | ओर दीवान भीषारी दा (sic! i.e. दास) जी भी अरजदासत करी है ती सु सारी अरज पोहचसी जी |

| श्री महाराजाजी सलां मत - बादसाहजादा अजीमुसांजी को फारसी नीसान तो दीवान भीषारी दासजी की अरजदासत की लार आगै मोकलो है | अर अबै हीदवी नीसान षास दसषतां को व केसर को पंजो व कोल श्री महाराजाजी नै व अजीत सिघजी नै इनायत कीय्या व बोहोत दीलासा करी | सु श् री महाराजाजी को नीसान व पंजो तो बेणी राम साह नैणसुष को सालो ती की साथ मोकलो है | सू नजर मुबारक मै गुजरसी | अर भंडारी षीवसी महाराजश्री अजीत संघिजी का नाव को लालसिघ राठोड़ की साथ मोकलो है |

सु श्री महाराजाजी सलां मत - अबै पधारबा की घणी ताकीद फरमावजो जी ढील करणी सलाह दोलत न है ती सु सीताब पधारजो जी |

| श्री महाराजाजी सलां मत - महाबत षांजी अरज करी जु षानषाना का वाका पाछै श्री राण् आजी का व श्री महाराजाजी का व म्हाराजश्री अजीत सिघजी का लोग उदास है यां की दीलासा होय ती उपर हुकम हुवो थे दीलासा करो अर सरपाव दो सु नवाब बोहोत दीलासा करी अर साहो आप की मोहर सै षलअत षाना का दरोगा नै पोहचायो है सु दीवान भीषारी दासजी व कान्हजी झाला व षीवसी नै व दोदराज मुनसी व गुलाल चंद नै सरपाव होसी जी |

श्री महाराजाजी सलां मत - दीवान भीषारी दासजी नै परवानो आयो ती मै ओरंगाबादि का पुरा कै वासतै लिषो है | जु षानषाना की मोहर सै तो हसबुल हुकम व अमीरुल उमराव को षत दाउद षां के नाव भीजवाजो जु हवेली षाली करै व पुरा मै अमल दे सु वो परवानो दीवानजी षानाजाद नै दीयो तद अमीरुल उमराव नै इलतमास दी अर परवानो पढायो तद नवाब कहो महाराज को षत आवैलो ती मवाफक दाउद षां नै षत लिष दांला |

श्री महाराजाजी सलां मत - अमीरुल उमराव नै पुर कै वासतै षत इनायत होय तो मै षानाजाद कै वासतै भी लीषांवै जु पंचोली सरकार का काम कै वासतै नवाब साहब की षीदमत मै हाजर रहै है जी काम कै वासतै अरज करै ती मै षसमानो फरमावजो जी |

| श्री महाराजाजी सलां मत - महाबत षां बाहादर नै जफर जंग को षीताब हुवो अर दोय हजार सुवार व तीस लाष दाम को इजाफो हुवो अर षानज्मा षां बहादर नै गालब जंग को षीताब दीयो अर हजारी जात डोढ (sic!) हजार सुवार को इजाफो इनायत कीयो ती की मुबारक-बादी की षत दोना भायां नै इनायत करावजो जी |

श्री महाराजाजी सलां मत - महमदज्मा व महमद अमा पातिसाही मनसबदार है न्यां कचहड़ी का दारोगा उपर हुकम लाय्या जु परगना जलालपुर सरकार अलवर का च्यार गाव छीयालीस हजार दाम का म्हां की जागीर मै है सु साह अमरपाल श्री म्हाराजाजी को चाकर है ती म्हां का गुमासता कनै सुचो थो हसो लीषाय लीयो है अर आप लिष दीयो है सु वै को लीषो काजी की मोहर सै व कानुगो भगवंत का दसषता सै दीषायो अर कहो हासल लीयो है सु फेर दो अर आगा सै अमल दीरावो तद डोढ महीना को मुचलको लिष दीयो जु य्यां का गुमासता को राजीनामो मंगाय दां सु अबै अमरपाल नै हुकम जाय जु सीताबी वाको राजीनामो मोकलै अर अमरपाल का लिषा की नकल हजुर मोकली है सू नजर गुजरसी जी |

श्री महाराजाजी सलां मत - ठोड़े ठोड़े का हवालदारा नै हुकम जाय जु कही की जागीर मै दषल न करै अर इ भात का लीषा न कर दे अट् है मुतसदा नै वे लिषा बजनस दीषावै है इ मै सरकार की बदनामी है अर रुपीय्या अफुटा देणा पड़ै है जी | ती सु इ काम की घणी ताकीद होय जी |

श्री महाराजाजी सलां मत - हीदायतूला षां की अरजी की नकल हजुर मोकली है सु नजर मुबारक मै गुजरसी जी |