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Arzdasht 309

अरजदासती करांर मीती फागुण सुदी 6 बुधवार की लीखी हजुरी भेजी है सो सारी हकीकती अरज पहुची होयली जी | श्री महारांजाजी सलामती - परवान 7 सात फारसी 3 हीदुइ 4 इनायत हुवा थां सो माफीक अवादै मीती फागुण सुदी 11 दोपैहरां दीतवार नै आंय पहुता जी | खांनाजाद सरफरांज हुवां माथै चढाइ लीया जी | श्री महारांजाधीरांज सलामती - हुकम आयो जो परगना मोजाबादी को आफती कों म्हैजर चोधरी कानुगों वाका दसकता सौ भेज्यौ है सो पहुचैगां सो केसरी स्यंघ राठोड़ का गुमासतां सौ रदबदल करी अरज लिखज्यौ | श्री महाराजांजी सलामती - म्हैजर इस जोड़ी मै खांनाजाद पांसी आया नही सो सीताब इनायत होय जी | श्री महारांजाधीराज सलामती - हुकम आयां जो प्रगना चाटसु वां नीवाइ (?) कै वासतै नवाब खान खाना सौ अरज करी परवाना लीखाइ भेजीयों सो सो नवाब का आजार की हकीकति आगीली अरजदासत्या सौ अरज पहुची होयली जी | सो अब तक नवाब कै पड़देही लगे रहै है सो कोइ भी कुजरा (?) कौं छुटै नही है जी | जब नवांब को फुरसती होयली तब माफीक हुकम कै बंदा अमल करैगा जी | श्री महारांजाजी सलामती - नीसाण फारसी वा सुकां खास दसकतों साहीजादा अजीम सान बहादरजी कां वा खत खान खांनां का वा महाबत खा का वां हकीम सलेम कां वा कुदरतुला का हजुरी भेज्या है सो पहुता कों परवानो सीताब इनायत होय जी | श्री महाराजाजी सलांमती - अरजदासती साहजादांजी नै वा खता कों जवाब इनायत होयगा जी | श्री महाराजाजी सलामती - बंदै आगै भी मुकरर अरजदासती करी है जो श्रीजी कै ताइ नारनोल पधारणां वा वाका नइसा कना वाका दाखील करावणां जरुरी है सो खांत्री मुबारक मै पसंद आवैली सो करैंला जी | पणी सल्हा दोलती यह ही है जो आप नारनोल पधारै अर नारनोल का वाका नइसा कनां तथा कोटफुतली का वाका नइसा कनां वाका दाखील करावै जी | ओर भंडारी वां बंदा मुचलका येक महीना बीस रोज कां लीख दीया है सो महारांजा अजीत स्यंघजी अलबतै इस अवादे उपरी आवै-ही-गे सो सल्हा दोलती यही है जो माफीक अवादै श्रीजी वां महारांजा अजीत स्यंघजी सामील ही पधारै अर कदाची महारांजा अजीत स्यंघजी कां आबा की ढील होयं तो खात्री मुबारक मै सलाह दोलती पसंद आवैली सो करै-ही-ला जी | श्री महारांजाजी सलामती - पुरां साहजीहानाबाद की कोटवालि को परवांनो लाल बीहारी कै नाय इनायत हुवों सो बंदा सरफराज हुवां जी |

श्री महारांजाजी सलामती - हुकम आया जो प्रौहीत स्याम रांम को राजीनांमो प्रगनां मोजाबादी कै वासतै पाछा ही थे लीखाइ भेजालां |

श्री महारांजाजी सलामती - केसरी स्यंघ राठोड़ कै परेसानी बहोत अर वा की कीसती येक चैत सुदी 2 नै पुरी होयली ती का रुपया 5000 मागैंहीलां अर संतोख रांम गुमासता प्रौहीत मजकुर का देणा कबुल करै नही ती सौ प्रौहीत स्याम रांमजी कों लीख्यौ संतोख रांम नै सीताब आवैं सलाह दोलती है जी | नहीतरी या रुपया कै वासतै बंदा सौ कसालो होयलो जी अर बंदा कनै पइसा नही सो प्रौ. स्याम रांम को लीख्यौ संतोख रांम नै सीताब इनायत होय जी |

श्री महारांजाजी सलामती - बंदा कै ताइ परवांनौ मौ गोपाल्या वा (---) रांम गढ प्रगना आबैरि कां इनाम मै इनायत हुवां सो बंदा सरफरांज हुवा जी |

श्री महारांजाजी सलामती - मुसरी सौ मेरे कबीले मै कोइ न हुवां तीस सौ ये-ती नवाजसी हुइ होय अर बंदे का मनोरथजी ही मै रह्यां जो सरैह चाकरी की परवाना मै आइ नही जो कपुत सपुत नै रोटी होती ती सौ बंदा की यही अरज है जो परवानां मै थोड़ी बहो-(--------------------------)